खाण्डलविप्र जाति का नामकरण एक धटना विशोष के आधार पर हुआ था।वह विशॆष धटना लोहार्गल में सम्पन्न परशुराम के यज्ञ की थी,जिसमें खाण्डलविप्र जाति के प्रवर्तक मधुछन्दादि ऋषियों ने यज्ञ की सुवर्णमयी वेदी के खण्ड दक्षिणा रूप में ग्रहण किये थे।उन खण्डों के ग्रहण के कारण ही,खण्डं लाति गृहातीति खाण्डल:इस व्युत्पति के अनुसार उन ऋषियों का नाम खण्डल अथवा खाण्डल पडा था।ब्राह्मण वंशज वे ऋषि खाण्डलविप्र जाति के प्रवर्तक हुए
Friday, 10 March 2017
भगवान परशुराम रथ यात्रा
सभी ब्राह्मण बंधुओं से निवेदन है कि भगवान परशुराम रथ यात्रा रथ यात्रा संपूर्ण भारतवर्ष में जाएगी आप सभी बंधु सादर आमंत्रित हैं |
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